हिंदी में अनुच्छेद लेखन | Hindi Men Anuchchhed Lekhan
हिंदी में अनुच्छेद लेखन
Hindi Men Anuchchhed Lekhan
लेखक - भूपेन्द्र पाण्डेय
मेरे जीवन का लक्ष्य
मेरे जीवन का
लक्ष्य प्रशासनिक अधिकारी बनकर राष्ट्र और समाज की सेवा करना है । इस पुनीत कार्य
के लिए लिए वैसे तो बहुत सारे क्षेत्र हैं, परंतु एक प्रशासनिक अधिकारी के पास इस कार्य के लिए एक
व्यापक क्षेत्र होता है । मैं आईएएस ऑफिसर बनकर लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहता हूँ। मैं समाज में रहकर एक प्रशासनिक अधिकारी के
रूप में लोगों की समस्याओं का समाधान करना चाहता हूँ ।
ग्रामीण और कम पढ़े-लिखे तथा निरक्षर लोगों की बहुत सी समस्याएँ होती हैं। इनके समाधान के लिए वे प्रायः बार-बार अपने जिला के कलेक्ट्रेट आते हैं। मैं उनके गाँव में ही जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहता हूँ, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। इस प्रकार मैं आईएएस बनकर निष्ठापूर्वक अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहता हूँ ।
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मेरा परिवार
परिवार में रहकर ही कोई व्यक्ति सुरक्षित और सशक्त महसूस करता है।
मेरे परिवार में मेरी दादी, नानी-नाना, मेरी माँ-पिताजी और मेरा छोटा भाई है । वैसे तो मेरे
परिवार में अन्य सदस्य भी हैं। लेकिन अभी मैं नई दिल्ली में रहता हूँ तो फिलहाल
इतने ही सदस्य हैं ।
एक भरे-पूरे
परिवार का सदस्य होने के कारण मुझे सबका बहुत प्यार मिलता है । मुझे बहुत खुशी है
कि मेरे घर में मेरा एक छोटा भाई है, जिसके साथ मैं खेलता हूँ ।
वह भी मुझे बहुत प्यार करता है। मेरी माँ सरकारी स्कूल में व्याख्याता हैं तो मुझे
पढ़ाई में उनका मार्गदर्शन भी मिल जाता है । माँ ही दुनिया में हमारी पहली शिक्षक
होती है । मुझे घर के अन्य सदस्यों का भी मार्गदर्शन मिल जाता है । संयुक्त परिवार
में बच्चों को अपने घर के सभी बड़ों से ढेर सारा प्यार मिलता है । मेरे लिए तो मेरा
घर ही स्वर्ग है ।
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मेरा प्रिय पक्षी
मेरा प्रिय
पक्षी मोर है । मोर हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी भी है। मोर के सुंदर पंख मुझे बहुत ज़्यादा आकर्षित करते हैं । बरसात के
दिनों में जब मोर अपने सुंदर और रंगीन पंख फैलाकर नाचते हैं, तो यह
दृश्य मुझे बहुत ही मनभावन लगता है ।
मोर के पंखो का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी है । इसे भगवान श्रीकृष्ण अपने मुकुट पर धारण करते हैं । मोर के पंखों को साक्षात माँ सरस्वती का साकार रूप भी माना जाता है । इसीलिए विद्यार्थी प्रायः मोर पंख को अपने पढ़ने के स्थान पर लगाकर रखते हैं । मोर के पंखों को छात्र अपने किताबों में भी रखते हैं, ताकि माँ सरस्वती की कृपादृष्टि उनपर सदैव बनी रहे । इससे मोर का महत्व स्वतः ही स्पष्ट हो जाता है । मोर न केवल देखने में अत्यंत सुंदर होते हैं, बल्कि भारतीय जनमानस के प्रिय और आध्यात्मिक पक्षी भी हैं ।
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मधुर वाणी का महत्व
हमारे जीवन
में मधुर वाणी का बहुत अधिक महत्व है । मधुर वाणी बोलकर किसी को भी अपने वश में
किया जा सकता है । मधुर वाणी
बोलने से न केवल स्वयं को अच्छा लगता है बल्कि सुनने वाले को भी अच्छा लगता है ।
भक्तिकाल की निर्गुण भक्ति धारा के प्रसिद्ध कवि कबीर
दास जी ने कहा भी है:
ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए,
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए ।
इसका अर्थ है -
हमें ऐसी मधुर वाणी बोलनी चाहिए, जिससे दूसरों को शीतलता का अनुभव हो और साथ ही हमारा मन
भी प्रसन्न हो उठे। मधुर वाणी औषधि के समान होती है । मधुर वाणी से समाज में
एक-दूसरे के प्रति प्रेम भाव का संचार होता है ।
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