रामायण के बहुभाषिक पाठ | Ramayan Ke Bahubhashik Path

भारतीय संस्कृति मूलतः कृषि संस्कृति है। कृषि संस्कृति के जितने भी ऊंचे आदर्श हो सकते हैं। राम उनके प्रतीक हैं। वाल्मीकि ने उन्हें पूर्ण पुरुष के रूप मैं प्रस्तुत किया है। वे सुन्दर, धीर-वीर-गम्भीर हैं। राम की भक्ति के माध्यम से तुलसी ने चाहा था कि वे समस्त युगीन समस्याओं का समाधान प्रस्तुत कर सकें। उनके राम हैं भी कैसे … Read more

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