शब्दकोश निर्माण की प्रक्रिया | Shabdkosh Nirman Ki Prakriya
शब्दकोश का निर्माण अपने आप में एक बहुत जटिल और लंबी प्रक्रिया है। शब्दकोश बनाने की प्रारंभिक योजना से लेकर उसके छप जाने तक की प्रक्रिया काफी श्रम और समय की माँग करती है । यह जानकार आश्चर्य होता है कि ‘ऑक्सफोर्ड अंग्रेजी कोश’ को बनने में चालीस वर्ष लगे थे। यह कार्य 1888 में … Read more
राम की शक्ति पूजा की व्याख्या भाग-4 | Ram ki Shaktipuja ki Vyakhya Part-4
भाग-4 आये सब शिविर सानु पर पर्वत के मंथर सुग्रीव, विभीषण, जाम्बवान आदिक वानर, सेनापति दल-विशेष के अंगद, हनूमान, नल, नील, गवाक्ष प्रात के रण का समाधान करने के लिए, फेर वानर-दल आश्रम-स्थल। बैठे रघु-कुल-मणि श्वेत शिला पर निर्मल जल ले आए कर-पद-क्षालनार्थ पटु हनूमान, अन्य वीर सर के गए तीर संध्या-विधान, वंदना ईश की … Read more
देवनागरी लिपि की विशेषताएँ | Devnagari Lipi Ki Visheshtaen
देवनागरी (नागरी) लिपि में असंख्य विशेषताएं विद्यमान हैं। वस्तुतः यह विश्व की समस्त वर्तमान लिपियों से श्रेष्ठ एवं वैज्ञानिक है।आइजक पिटमैन के अनुसार – “संसार की यदि कोई लिपि सर्वाधिक पूर्ण है तो वह एकमात्र देवनागरी ही है।” मोनियर विलियम्स के अनुसार, “देवनागरी में यद्यपि Z और F (ज़ और फ़) के लिए वर्ण नहीं … Read more
अपभ्रंश की व्याकरणिक विशेषताएँ | Apbhransh Ki Vyakaranik Visheshtaen
अपभ्रंश की व्याकरणिक संरचना का विवेचन संज्ञा, वचन, लिंग, विशेषण, काल, सर्वनाम तथा क्रिया आदि आधारों पर किया जा सकता है। (1) संज्ञा तथा कारक व्यवस्थाः सरलीकरण की प्रक्रिया अपभ्रंश के संज्ञा-रूपों में कई प्रकार से चलती रही। इस संबंध में तीन तरह के नये प्रयोग इस काल में दिखते हैं – (i) निर्विभक्तिक प्रयोगों … Read more
आचार्य भरत मुनि का रस सिद्धान्त | Acharya Bharat Muni Ka Ras Siddhant
रस सिद्धान्त ras siddhant यद्यपि भारतीय काव्यशास्त्र में प्राचीनतम सिद्धान्त है, तथापि इसे व्यापक प्रतिष्ठा बाद में प्राप्त हुई। यही कारण है कि अलंकार सिद्धान्त को रस सिद्धान्त से प्राचीन माना जाने लगा। रस सिद्धान्त के मूल प्रवर्तक आचार्य भरत मुनि (200 ई.पू.) माने जाते हैं। उन्होंने अपने ग्रन्थ ‘नाट्यशास्त्र’ में रस के विभिन्न अवयवों … Read more
मनोविश्लेषणवाद क्या है | Manovishleshanvad Kya Hai | मनोविश्लेषणवाद | Manovishleshanvad
मनोविश्लेषण शब्द अंग्रेजी के ‘साइको-एनलसिस’ (Psycho-analysis) शब्द का हिंदी पर्याय है । 19 वीं सदी के उत्तरार्द्ध में सिगमंड फ्रायड (Sigmund Freud, 1856-1939) द्वारा मानसिक रोगियों का इलाज करते हुए स्नायविक व मानसिक विकारों के संबंध में सुझाया गया सिद्धांत व व्यवहार मनोविश्लेषण कहलाता है। चिकित्सा की यह विधि जिन मूल सिद्धांतों पर आधारित है … Read more
विलियम वर्ड्सवर्थ का काव्य-भाषा सिद्धान्त | William Wordsworth ka Kavyabhasha Siddhant
प्रसिद्ध अंग्रेजी कवि विलियम वर्ड्सवर्थ (1770-1850 ई.) एक कवि के रूप में सुविख्यात हैं। आधुनिक काल के छायावादी कवि सुमित्रानन्दन पन्त की भांति वईसवर्थ ने भी प्रकृति निरीक्षण से कविता की ओर अपने झुकाव को व्यक्त किया है। बीस वर्ष की अवस्था में वर्ड्सवर्थ ने पैदल ही फ्रान्स, इटली और आल्पस पर्वत श्रृंखला की प्राकृतिक … Read more
मिथक क्या है | Mithak Kya Hai
मिथक का अर्थ अर्थ – अंग्रेजी के मिथ (Myth) का समानार्थी शब्द ‘मिथक’ है, जो यूनानी शब्द ‘माइथोस’ से निष्पन्न है। इसका अर्थ है- अतर्क्य आख्यान। हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि हिंदी साहित्य में मिथकों का प्रयोग किस प्रकार किया गया है । बच्चन सिंह इसकी परिभाषा देते हुए कहते हैं कि- “मिथक … Read more