अंधेरे में कविता का सारांश | andhere men kavita ka saransh | andhere men muktibodh

गजानन माधव मुक्तिबोध हिंदी-साहित्य में फैंटेसी-शैली के कारण विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं । मुक्तिबोध फैंटेसी को काव्य-शिल्प का अनिवार्य अंग मानते थे । ‘अंधेरे में’ फैंटेसी-शैली की एक अद्भुत रचना है। मुक्तिबोध ने फैंटेसी काव्य-शैली को अनुभव की कन्या कहा है । ‘अंधेरे में’ एक स्वप्न-कथा है । मुक्तिबोध की ‘अंधेरे में’ कविता ‘चाँद … Read more

हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की परम्परा | Hindi Sahitya Ke Itihas Lekhan Ki Parampara

हिंदी भाषा एवं साहित्य का प्रारम्भ मोटे तौर पर 1000 ई. के आस-पास माना जाता है। तथापि हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन का वास्तविक सूत्रपात 19 वीं शताब्दी से माना जाता है। यद्यपि मध्यकाल में रचित वार्ता साहित्य यथा-चौरासी वैष्णवन की वार्ता (गोसाई गोकुलनाथ-ब्रजभाषा),  दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता (गोसाई गोकुलनाथ-ब्रजभाषा)), भक्तमाल (नाभादास) आदि … Read more

लघु कथा क्या है | Laghu Katha Kya Hai

           ‘लघु कथा’ शब्द सम्भवतः अंग्रेजी के ‘शार्ट स्टोरी’ (Short Story) शब्द का अनुवाद है। वैसे ‘कहानी’ शब्द भी अंग्रेजी के ‘शार्ट स्टोरी’ के लिये ही प्रयुक्त होता है। ‘लघु कथा’ और ‘कहानी’ में तात्विक दृष्टि से कोई अंतर होता भी नहीं है। व्यावहारिक दृष्टि से ‘लघु कथा’ कहानी के छोटे रूप को अभिव्यक्त करती है। कृपया इसे भी ज़रूर देखें : लघु कथा क्या है … Read more

रेखाचित्र का उद्भव और विकास | Rekhachitra ka Udbhav aur Vikas

अंग्रेजी के ‘स्केच’ शब्द का पर्यायवाची रेखाचित्र’ है। हिंदी में इसे ‘शब्दचित्र’ भी कहते हैं। व्यक्तिचरित्र, शब्दांकन, चरित्रलेख इत्यादि इसके अन्य नाम हैं। शब्दों के द्वारा जब किसी घटना, वस्तु, स्थान, दृश्य अथवा व्यक्ति का इस प्रकार भावपूर्ण वर्णन किया जाये कि पाठक के मन पर उसका यथार्थ चित्र खींच जाये तो उसे ‘रेखाचित्र’ कहते … Read more

गजानन माधव मुक्तिबोध का जीवन दर्शन और उनकी काव्य दृष्टि | Gajanan Madhav Muktibodh ka Jivan Darshan aur Unki Kavya Drishti

  गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म श्यौपुर, ग्वालियर (मध्यप्रदेश) में 13 नवंबर, 1917 को हुआ । सन 1938 में इन्होंने होल्कर कॉलेज इंदौर से बी. ए. किया । सन 1954 में नागपुर विश्वविद्यालय एम.ए. से किया । उसके चार वर्ष बाद सन् 1958 में वे राजनांदगांव के दिग्विजय कॉलेज में अध्यापक हो गए और अंत … Read more

हिंदी निबंध का उद्भव और विकास | Hindi Nibandh ka Udbhav aur Vikas

      डॉ.गुलाबराय ने निबंध को परिभाषित करते हुए कहा है – “निबंध उस गद्य रचना को कहते हैं जिसमें एक सीमित आकार के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन, स्वच्छंदता, सौष्ठव और सजीवता तथा आवश्यक संगति और संबद्धता के साथ किया गया हो ।” Contents      इस प्रकार निबंध उस गद्य रचना को कहते हैं, … Read more

भारतेन्दु हरिश्चंद्र की कविता में नवजागरण, समाज सुधार तथा राष्ट्रीय चेतना | Bhartendu Harishchandra Ki Kavita Men Navjagaran, Samaj Sudhar Tatha Rashtreey Chetna

आधुनिक हिंदी कविता का प्रारंभ उन्नीसवीं सदी में भारतेन्दु हरिश्चंद्र bhartendu harishchandra से माना जाता है। भारतीय नवजागरण और राष्ट्रीयता की चेतना की पृष्ठभूमि भी इसी युग की कविता में प्राप्त होती है । नवजागरण की दृष्टि से देखें तो उसके तीनों प्रमुख तत्व – प्राचीन संस्कृति पर उसकी निर्भरता, ईश्वर की जगह मानव केन्द्रिता … Read more

‘अज्ञेय’ के उपन्यास ‘शेखर एक जीवनी’ का वस्तु और शिल्प | Agyey Ke Upanyas ‘Shekhar Ek Jivani’ Ka Vastu Aur Shilp

      शेखर एक जीवनी ‘अज्ञेय’  agyey जी की बहुचर्चित औपन्यासिक कृति है जिसके दो भाग प्रकाशित हुए हैं। प्रथम भाग का प्रकाशन सन् 1941 ई. में और द्वितीय भाग का प्रकाशन सन् 1944 ई. में हुआ। यह अज्ञेय की ऐसी औपन्यासिक रचना है जिसे जीवनी प्रधान मनोवैज्ञानिक उपन्यास कहना अधिक उचित है। स्वयं अज्ञेय के अनुसार, “ ‘शेखर एक जीवनी’ एक अधूरी जीवनी है … Read more

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