मैथ्यू आर्नल्ड (1822-1888) की आलोचना दृष्टि | Matthew Arnold Ki Alochana Drishti

आलोचना का स्वरूप और प्रकार्य मैथ्यू आर्नल्ड Matthew Arnold  अंग्रेजी के महान आलोचक हैं  ।  आज हम  matthew arnold ki alochana drishti का अध्ययन करेंगे ।  मैथ्यू आर्नल्ड Matthew Arnold डॉ. टॉमस आर्नल्ड के पुत्र थे। इनकी शिक्षा आक्सफोर्ड में हुई थी। 1849 में इनका पहला काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ । इनके आलोचनात्मक निबंधों का संग्रह “एसेज इन … Read more

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की काव्यगत विशेषताएँ | Suryakant Tripathi ‘Nirala’ Ki Kavyagat Visheshtaen

1918 से 1936 तक 18 वर्षों का समय छायावाद युग है । दो महायुद्धों के बीच की हिंदी कविता के रूप में छायावाद का अध्ययन किया जा सकता है । सूर्यकांत त्रिपाठी निराला भी छायावादी कवि हैं । उनकी काव्यगत विशेषताओं को उनकी कविताओं का अध्ययन करके ही समझा जा सकता है। आइये अब nirala … Read more

हिंदी निबंध का उद्भव और विकास | Hindi Nibandh ka Udbhav aur Vikas

 डॉ.गुलाबराय ने निबंध को परिभाषित करते हुए कहा है – “निबंध उस गद्य रचना को कहते हैं जिसमें एक सीमित आकार के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन, स्वच्छंदता, सौष्ठव और सजीवता तथा आवश्यक संगति और संबद्धता के साथ किया गया हो ।” आइए अब हम hindi nibandh ka udbhav aur vikas विषय … Read more

रामायण के बहुभाषिक पाठ | Ramayan Ke Bahubhashik Path

भारतीय संस्कृति मूलतः कृषि संस्कृति है। कृषि संस्कृति के जितने भी ऊंचे आदर्श हो सकते हैं। राम उनके प्रतीक हैं। वाल्मीकि ने उन्हें पूर्ण पुरुष के रूप मैं प्रस्तुत किया है। वे सुन्दर, धीर-वीर-गम्भीर हैं। राम की भक्ति के माध्यम से तुलसी ने चाहा था कि वे समस्त युगीन समस्याओं का समाधान प्रस्तुत कर सकें। उनके राम हैं भी कैसे … Read more

शोध के लिए ‘सिनोप्सिस’ (रूपरेखा) कैसे तैयार करें | Shodh Ke Lie Synopsis Kaise taiyar Karen

आज जो तथ्य, विषय अज्ञात है, उसे जानना ही अनुसंधान है। अनुसंधान कार्य करने से पहले सर्वप्रथम विषय का चुनाव करना होता है।अनुसंधान-प्रक्रिया का दूसरा सोपान निर्देशक का चुनाव है । उनके बिना अनुसंधान-कार्य की कल्पना करना असंभव है । अनुसंधान-प्रक्रिया में विषय का चुनाव कर लेने के बाद अगले पड़ाव अथवा लक्ष्य के रूप में ‘रूपरेखा’ तैयार करने … Read more

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की आलोचना दृष्टि | Acharya Ramchandra Shukla Ki Alochana Drishti

‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ में ‘गद्य साहित्य का प्रसार’ के द्वितीय उत्थान (संवत् 1950-1975) के अंतर्गत समालोचना पर विचार करते हुए शुक्लजी ने लिखा है, ‘पर यह सब आलोचना बहिरंग बातों तक ही रही। भाषा के गुण-दोष, रस, अलंकार आदि की समीचीनता इन्हीं सब परम्परागत विषयों तक पहुँची। स्थायी साहित्य में परिगणित होने वाली समालोचना … Read more

हिंदी आलोचना का उद्भव और विकास | Hindi Alochana ka Udbhav aur Vikas

हिंदी में ‘आलोचना’ शब्द अंग्रेजी के ‘क्रिटिसिज़्म’ (Criticism) का पर्याय है जिसका अर्थ है ‘मूल्यांकन’ अथवा ‘निर्णय करना’। अर्थात् किसी वस्तु या कृति की सम्यक व्याख्या अथवा मूल्यांकन आदि करना ही आलोचना है । आलोचना को समीक्षा भी कहा जाता है। समीक्षा का अर्थ है ‘सम्यक निरीक्षण’। वस्तुत: पहले सर्जनात्मक साहित्य प्रकाश में आता है … Read more

‘कामायनी’ का महाकाव्यत्व | Kamayani Ka Mahakavyatva

‘कामायनी’ (1935 ई.) जयशंकर प्रसाद Kamayani Jaishankar Prasad की महाकाव्यात्मक रचना है । ‘कामायनी’ में कुल पंद्रह सर्ग (ग्रंथ का प्रकरण या अध्याय) हैं, जो क्रमानुसार इस प्रकार हैं : चिंता, आशा, श्रद्धा, काम, वासना, लज्जा, कर्म, ईर्ष्या, इड़ा, स्वप्न, संघर्ष, निर्वेद, दर्शन, रहस्य तथा आनंद। तो आइए अब हम kamayani ka mahakavyatva विषय को … Read more

हिंदी में अनुच्छेद लेखन | Hindi Men Anuchchhed Lekhan

विभिन्न परीक्षाओं में हिंदी में अनुच्छेद लेखन लिखने के संबंध में प्रश्न पूछा जाता है । आज के इस लेख में हम अनुच्छेद लेखन के संबंध में अनिवार्य बातों को समझने का प्रयास करेंगे । आइए hindi men anuchchhed lekhan सीखने का प्रयास करें ।  नीचे हिंदी में अनुच्छेद लेखन Hindi Men Anuchchhed Lekhan के … Read more

भारतेन्दु हरिश्चंद्र की कविता में नवजागरण, समाज सुधार तथा राष्ट्रीय चेतना | Bhartendu Harishchandra Ki Kavita Men Navjagaran, Samaj Sudhar Tatha Rashtreey Chetna

आधुनिक हिंदी कविता का प्रारंभ उन्नीसवीं सदी में भारतेन्दु हरिश्चंद्र bhartendu harishchandra से माना जाता है। भारतीय नवजागरण और राष्ट्रीयता की चेतना की पृष्ठभूमि भी इसी युग की कविता में प्राप्त होती है । नवजागरण की दृष्टि से देखें तो उसके तीनों प्रमुख तत्व – प्राचीन संस्कृति पर उसकी निर्भरता, ईश्वर की जगह मानव केन्द्रिता … Read more

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